दोस्तों हाल ही मै बहुत सारे लोगों ने खेरवाड़ा की जिला बनाने की मांग रखी है कुछ लोग चाहते है तो कुछ नहीं पर इसके बहुत सारे फायदे भी है और नुकसान भी है जिन्हे नजर अंदाज नहीं कर सकते है फिलहाल आज के आर्टिकल मे देखगे की क्या वो बिन्दु है जिन्हे गोर करना जरूरी है
1. जो काम हमे उदयपुर जाकर करवाने पड़ते है वो सभी अब अपने खुद के जिले मे कर पाएंगे और बाहर नहीं जान पड़ेगा
2. सरकारी योजनायो का लाभ तुरंत मिलगा
3. लोगों का सरकार पर भरोश हासिल होगा क्युकी अगर सरकार मे स्थानीय लोग होंगे तो लोगों तक अपनी बात और उनकी बात सरकार आसानी से पहुच पायेंगी
4. kherwarApp जैसी बहुत सारी कॉम्पनिया बन पायेंगी
5. हमारे घर , गाव से हजारों लोग काम और नोकरी की तलाश मे बाहर जाते है और किराया के साथ साथ ठीक से कोई काम भी नहीं मिल पाता है पर अगर खेरवाड़ा जिला बन जाए तो और बाहर से लोग यहा पर आएंगे काम की तलाश मे
6. राजनेतिक ताकत मिलेगी हा बिल्कुल हमे वो सारी पावर मिलगे जो की एक जिले को मिलती है , वो सभी पोलिटिकल power जो डिस्ट्रिक्ट के पास होता है , खुद के नियम |
7. एजुकेशन को बढ़ावा मिलेगा
8. एक नई पहचान
9. बहुत सारी नोकरिया निकलेगी
10. पर्यटन का विकाश होगा |
जब भारत आजाद नहीं हुआ था तब खेरवाड़ा को एक जिले की तरह ही सभी अधिकार प्राप्त थे | परंतु जब भारत आजाद हुआ था तब बहुत सारे छोटे छोटे जिले भी थे जिन्हे संभालने के लिए तब उपयुक्त लोग और समय नहीं था ये सब सोचने का तब उन सभी के साथ छोटे जिलों को बड़े जिलों मे मिल दिया गया
सीधे सबदों मे कहू तो छोटे जिलों को बड़े जिलों मे मिला दिया जिससे उन पर सभी नियम और लोकतान्त्रिक भारत का निर्माण कर सके |
एक और खास बात है की खेरवाड़ा मे मेवाड़ भील कोर भी उपस्थित है | और यहा पर एक सेनिक छावनी भी है जिसे पहले खेरवाड़ा छावनी भी कहते है ये एतिहासिक स्थल भी है |
1. इससे कुछ दूसरी तहसील भी मांग रख सकती है की हमारे इलाके को भी जिला बनाया जाए क्युकी बहुत सारी तहसील है जो खेरवाड़ा (वर्तमान मे एक उदयपुर की तहसील है ) की तरह ही एक खास वजूद रखती है |
2. पर ऐसी कोई खास वजह भी नहीं है की खेरवाड़ा को जिला घोषित करना पड़े ना ही अधिकाश खेरवाड़ा के लोगों को इसमे कोई दिलचस्पी है पर मुमकिन है की उन्हे पता न हो
3. जिला बनाना कोई आसान काम नहीं होता है बहुत सारी कागजी कारवाई करनी पड़ती है
4. लाखों लोगों के डाक्यमेन्ट मे पता change करना पड़ेगा जो बहुत मुश्किल है और किसी कागजी कारवाई मे फसे तो फसते ही रह जाएंगे
5. शुरू मे सिर्फ आम लोगों को ही असुवधा और नुकसान होगा
6. लोगों के पास इतना वक्त नहीं है की वो अपने नए डाक्यमेन्ट जल्दी से बना सके और न ही बहुत सारे पैसे है
7. पूरा का पूरा तंत्र फिर से नया बनाना पड़ेगा जो की एक जिले मे होता है |
तो ईस blog मे इतना ही फिर कभी और बात करेंगे ईस बारें पर अगर आपको बात काम की लगी हो तो हमे सोशल मीडिया पर सपोर्ट करे @kherwarApp
10 फायदे है अगर खेरवाड़ा जिला बनता है तो
1. जो काम हमे उदयपुर जाकर करवाने पड़ते है वो सभी अब अपने खुद के जिले मे कर पाएंगे और बाहर नहीं जान पड़ेगा
2. सरकारी योजनायो का लाभ तुरंत मिलगा
3. लोगों का सरकार पर भरोश हासिल होगा क्युकी अगर सरकार मे स्थानीय लोग होंगे तो लोगों तक अपनी बात और उनकी बात सरकार आसानी से पहुच पायेंगी
4. kherwarApp जैसी बहुत सारी कॉम्पनिया बन पायेंगी
5. हमारे घर , गाव से हजारों लोग काम और नोकरी की तलाश मे बाहर जाते है और किराया के साथ साथ ठीक से कोई काम भी नहीं मिल पाता है पर अगर खेरवाड़ा जिला बन जाए तो और बाहर से लोग यहा पर आएंगे काम की तलाश मे
6. राजनेतिक ताकत मिलेगी हा बिल्कुल हमे वो सारी पावर मिलगे जो की एक जिले को मिलती है , वो सभी पोलिटिकल power जो डिस्ट्रिक्ट के पास होता है , खुद के नियम |
7. एजुकेशन को बढ़ावा मिलेगा
8. एक नई पहचान
9. बहुत सारी नोकरिया निकलेगी
10. पर्यटन का विकाश होगा |
खेरवाड़ा को जिला क्यू बनाना चाहिए ?
जब भारत आजाद नहीं हुआ था तब खेरवाड़ा को एक जिले की तरह ही सभी अधिकार प्राप्त थे | परंतु जब भारत आजाद हुआ था तब बहुत सारे छोटे छोटे जिले भी थे जिन्हे संभालने के लिए तब उपयुक्त लोग और समय नहीं था ये सब सोचने का तब उन सभी के साथ छोटे जिलों को बड़े जिलों मे मिल दिया गया
सीधे सबदों मे कहू तो छोटे जिलों को बड़े जिलों मे मिला दिया जिससे उन पर सभी नियम और लोकतान्त्रिक भारत का निर्माण कर सके |
एक और खास बात है की खेरवाड़ा मे मेवाड़ भील कोर भी उपस्थित है | और यहा पर एक सेनिक छावनी भी है जिसे पहले खेरवाड़ा छावनी भी कहते है ये एतिहासिक स्थल भी है |
ये तो थे फायदे पर ये कुछ नुकसान है जो की खेरवाड़ा के जिला बनने पर होंगे
1. इससे कुछ दूसरी तहसील भी मांग रख सकती है की हमारे इलाके को भी जिला बनाया जाए क्युकी बहुत सारी तहसील है जो खेरवाड़ा (वर्तमान मे एक उदयपुर की तहसील है ) की तरह ही एक खास वजूद रखती है |
2. पर ऐसी कोई खास वजह भी नहीं है की खेरवाड़ा को जिला घोषित करना पड़े ना ही अधिकाश खेरवाड़ा के लोगों को इसमे कोई दिलचस्पी है पर मुमकिन है की उन्हे पता न हो
3. जिला बनाना कोई आसान काम नहीं होता है बहुत सारी कागजी कारवाई करनी पड़ती है
4. लाखों लोगों के डाक्यमेन्ट मे पता change करना पड़ेगा जो बहुत मुश्किल है और किसी कागजी कारवाई मे फसे तो फसते ही रह जाएंगे
5. शुरू मे सिर्फ आम लोगों को ही असुवधा और नुकसान होगा
6. लोगों के पास इतना वक्त नहीं है की वो अपने नए डाक्यमेन्ट जल्दी से बना सके और न ही बहुत सारे पैसे है
7. पूरा का पूरा तंत्र फिर से नया बनाना पड़ेगा जो की एक जिले मे होता है |
तो ईस blog मे इतना ही फिर कभी और बात करेंगे ईस बारें पर अगर आपको बात काम की लगी हो तो हमे सोशल मीडिया पर सपोर्ट करे @kherwarApp